Chitrahar - Doordarshan
Filmy Songs, जिन्हें देखने का एक ही ज़रिया था, चित्रहार। लेकिन यह पहले एक ही दिन आता था - शुक्रवार को। उस दिन एक दो नए गाने और बाकी पुराने गाने देखने को मिलते। कई बार एसा भी होता की एक ही गीत महीने में दो बार भी दिखाते। शायद लोग खत लिख कर फरमाईश करतें होंगे, एसा मुज़े लगता था। कई पुराने गाने एसे थे जो चित्रहार के कारण जरा जरा याद रह गए थे। Old songs को शुट अगर किसी गार्डन में किया होता था... मुझे लगता था की यह हमारे किसी शहर काही गार्डन है!
फिर अचानक साप्ताहीकी (Saptahiki) में दिखाया गया की चित्रहार अब बुधवार को भी आनेवाला है... बड़ों का तो पता नहीं, हम बच्चे स्कूल में डिस्कस कर के बहुत खुश हुए। जिन बेचारों को पता नहीं था, वे चोंके और मै डींगे हांकने लगा था! क्युं की हफ्ते में सिर्फ 6-7 गानों से क्या होता है! ठीक से याद नहीं लेकिन बुधवार को प्रसारित चित्रहार में अधिकत्तर नए गाने होते थे, शुक्रवार को पुराने। दो-दो बार चित्रहार का प्रसारित होना, डबल बोनस सा लगता था!
Rangoli - Doordarshan
Rangoli - Doordarshan
कुछ समय बाद यह हुआ यह की, जैसे मैनें अपने स्कूली दोस्तों के सामने बुधवारवाले चित्रहार की डींगे हांकी थी... ठीक वैसे ही घर के पासवाले एक दोस्तने कहा की, "तुम्हें पता है रविवार को सुबह भी फिल्मी गाने आते है?" मैने ईनकार में सर हिलाया तो उसने बताया की एक नया प्रोग्राम शुरु हुआ है, जिसमें चित्रहार की तरह रविवार सुबह गाने दिखाए जाते है।
खुशी खुशी घरवालों को यह बात बताने के बाद रविवार को जब टीवी चालु कर के देखा, सचमुच! सचमुच फिल्मी गाने आ रहे थे! रंगोली का वह एपिसोड देख कर ईतनी खुशी मिली की क्या बताउं! क्युं की कभी कभी जब सुबह स्कूल जाने से पहले टीवी चालु कर के देखता तो उस में एसा कुछ होता ही नहीं था। सुबह में पहली बार फिल्मी गानें देखने का अवसर तो रंगोली ने ही दिया, जिससे रविवार के दिवस की बहुत शानदार शुरुआत होती थी!
खैर, अब तो एक क्लिक से दुनिया का कोई भी गाना देखा/सुना जा सकता है। यह भी कोई सुख है भला!!!


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