Tuesday, 4 October 2022

बाहुबली से आदिपुरुष

रामायण ( Ramayan ) के मुल आधार पर बनी फिल्म Aadipurush - १२ जनवरी, २०२३ को आने वाली है। डिरेक्टर Om Raut ने ईससे पहले तानाजी ( Tanhaji ) फिल्म बनाई है जिसके विझ्युअल्स की स्टाईल काफी हद तक Prabhas की बाहुबली ( Bahubali ) फिल्म से प्रभावित थी। लेकिन फिल्म बनाने में ईन्हों ने कोई कसर नहीं छोडी। हालां की सिर्फ पांच-सात फिल्मो के अनुभव से ही रामायण जैसे गहन और श्रेष्ट विषय को हाथ लगाना मुज़े थोडी जल्दबाजी लग रही है।

लेकिन देखा जाए तो मौका भी यही है, क्युं की Hindutva की हिंदुवादी आंधी पुरे देश में चल चुकी है। फिल्मी लोग धडल्ले से हिंदु समाज को खुश करने में लगे हुए है। ईनके साथ जुडे हुए युट्युबर्स, ब्लॉगर्स भी अपनी अच्छी कमाई कर रहें है। मुज़े ईससे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन फिल्म मेकिंग में हम अभी भी पीछे चल रहें है। 
 
सर राजा मौली ( Raja Mauli ) ने जिस प्रकार बाहुबली बनाई और लोग चकाचौंध हो गए... एसा फिर से नहीं होनेवाला, यह बात समज़ लिजीए। बाहुबली के समकालीन समय में कोई फिल्म उस जैसी बडी और एपीक थीम पर आधारित थी ही नहीं। ईससे पहले हिंदी दर्शकों ने एसा जलवा मगधीरा जैसी साउथ की फिल्मों में ही देखा था। बाहुबली सही समय पर सही क्षमता के साथ आई और छा गई! एसा जादू फिर से होना कुदरत के नियमानुसार... संभव नहीं है!
 
लेकिन यह अच्छा है की भले साउथ की फिल्मों के कारण ही सही.... भारतीय दर्शकों की पसंद बदल रही है। लेकिन अब ईस बदलाव के समय में एसी फिल्में बननी चाहिए जो वर्ल्ड क्लास हो। ज़रुरी नहीं है की हम (दर्शक और मेकर्स) सिर्फ आदिपुरुष जैसी epic movie पर ही ध्यान केंद्रींत करे। लेकिन हमें उस हरएक genre पर फिल्म बनानी है जो भारत के बाहर बन रहें है।
 
 
मेकर्स को चाहिए की भले वे करोडों कमाए, लेकिन कुछ प्रयत्न एसे लोगों को आगे लाने में करें जो पहले से बह्त अच्छा कर रहे है। जैसे की... आयुष्मान खुराना, पंकज त्रीपाठी, जितेंद्र कुमार।
 
एसे कई कलाकार बहुत ही प्रतिभाशाली है और करोडॉं भारतीय ईन्हें बहुत पसंद करतें है। लेकिन ईन्हें उतने बडे रोल मिल नहीं रहें, जितने बडे रोल ईन्हें मिलने चाहिए। एसे ही कई प्रतीभाशाली युवा जो लो बजेट मुवीझ या वेब सिरीझ में बहुत महेनत कर रहें है, ईनको बडा चांस दिया जाए।
 
खैर, यह सब बहुत मुश्किल है। लेकिन आशा फिर भी है की आनेआले समय में कुछ अच्छी फिल्म्स हमें देखने को मिलेगी। भारतीय सिनेमा का स्तर और ऊंचा होगा।
 
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