Sunday, 22 May 2022

चटर-पटर


हमारा स्कूल का समय सुबह का हुआ करता था 9:30 या 10:00 बजे हमारा ब्रेक टाइम हुआ करता था। इस रिसेस के टाइम पर  हम लोग दोस्तों के साथ स्कूल के बाजू में रवि भैया की दुकान पर जमावड़ा कर देते थे। वहां से तरह-तरह की चीजें लेकर खाना या सिर्फ देखने जाना, यह हमारा रोज का कार्यक्रम हुआ करता था।

एक बच्चे के तौर पर यह स्कूल के पास की दुकान से ज्यादा आश्चर्यजनक सुपर मॉल और कोई नहीं है! उस समय में कुछ ठेले वाले और एक दो मौसी भी आती थी! चीनी बेर, बर्फ का गोला और दूसरी तरह तरह की चीजें मिलती थी।

लेकिन मैं अपनी चवन्नी रविभाई की दुकान पर ही खत्म कर देता था। क्योंकि मम्मी ने बाहर खाने का मना किया था!

वह जो ब्रेक होता था, वह मेरे लिए सबसे ज्यादा खूबसूरत समय हुआ करता था। वक्त - उससे ज्यादा फ्रेश मुझे कभी नहीं लगा। हां कभी-कभी होमवर्क का टेंशन रहता था या स्कूल में कभी डांट पड़ी होने की वजह से मूड खराब रहता था। फिर भी ब्रेक में मैं थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जाता था।

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